मौत का सेंट्रल लॉक : दो बच्चे कार के अंदर खेल रहे थे, आग लगी और फिर उसी में जल गए; ऐसी गलती न करें
Bihar News : यह पटना की घटना है, लेकिन देश-दुनिया के लिए आंखें खोलने वाला हादसा है। ऐसे हादसों से बचना संभव है। लेकिन, यहां तो चार-चार साल के दो बच्चों की मौत हो गई। यह बताने वाला भी अब कोई नहीं कि घटना हुई कैसे? दो बच्चे कार के अंदर जल गए।
कार का सेंट्रल लॉक चोरों से बचाता है, लेकिन कार के अंदर रहे लोगों के लिए कई बार यह मुसीबत भी बनता है। पिछले दिनों एक गाड़ी पानी में डूब गई। सेंट्रल लॉक इसके बाद डिसेबल, यानी बेकार हो गया। आदमी अंदर मर गया, लेकिन दरवाजा नहीं खुला। इस बार घटना आग की थी। दो बच्चे कार के अंदर खेल रहे थे। अंदर आग कैसे लगी, यह बताने के लिए दोनों में से कोई नहीं बचा। संभव है कि माचिस से खेल रहे हों। या, गाड़ी में लाइटर जला बैठे हों। लेकिन, यह पक्का है कि आग लगने के कारण सेंट्रल लॉक फिर से अनलॉक नहीं किया जा सका। जबतक गेट को जबरन खोला गया, तब तक दोनों सीट और इंटीरियर के साथ जल गए। दोनों चचेरे भाई-बहन थे।
घटना गौरीचक थाना के सोहगी रामपुर की है। हादसे के बाद इलाके में अपनातफरी मच गई। लोगों ने इसकी सूचना 112 डायल पुलिस को दी। मौके पर पहुंची 112 डायल पुलिस पहुंची और पूछताछ के बाद गई। बताया जा रहा है कि संजीव यादव जहानाबाद के रहने वाले हैं। पांच माह पहले गौरीचक में घर बनाकर परिवार के साथ रहते हैं। संजीव गौरीचक सोहोगी मोड़ पर गिट्टी बालू कारोबार करते हैं। घटना के परिवार के साथ दोनों बच्चों के शवों के साथ जहानाबाद के लिए रवाना हो गए।
कार का शीशा तोड़कर बच्चों को बाहर निकाला गया
मरने वाले मासूमों में संजीव यादव का सात साल का इकलौता बेटा राजपाल एवं संजीव के भाई की पांच साल की बेटी शामिल है। आसपास के लोगों ने बताया कि उनके घर के बाहर पुरानी अल्टो कर हमेशा लगी रहती है। इसी दौरान दोनों भाई बहन कार में खेलने चले गए थे। कार का दरवाजा अंदर से बंद हो गया। लोगों का मानना है कि दोनों बच्चे माचिस आदि लेकर अंदर खेलने लगे होंगे, जिससे आग लग गई। कार के अंदर आग लगते ही धुआं के चलते दोनों का दम घुटने लगा। कार में धुआं देखकर आसपास के लोग वहां दौड़े। इस बीच अचानक कार के भीतर आग लग गई। कार में आग लगा देख आसपास के लोगों में हड़कंप मच गया। आग बुझाने का प्रयास किया गया लेकिन तब तक कुछ ही पलों में कार के भीतर ही दोनों मासूम बच्चों की जलकर मौत हो गई। लोगों ने कार का शीशा तोड़कर बच्चों को जब निकाले तो दोनों पूरी तरह जल चुके थे। अस्पताल में चिकित्सकों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया।
बिना पोस्टमार्टम कराए ही दोनों की लाश ले गए परिजन
मामले में गौरी चक थाना अध्यक्ष कृष्ण कुमार ने बताया कि उन्हें ऐसी कोई जानकारी गांव वालों से नहीं मिली है। बताया जा रहा है कि परिवार वाले बिना पोस्टमार्टम कराए और बिना थाना को सूचना दिए ही बच्चों के शव को दाह संस्कार के लिए लेकर जहानाबाद चले गए।
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