Exclusive: आजमगढ़ से निकले नासा वैज्ञानिक की बनने जा रही बायोपिक, भारतीय युवाओं के लिए शुरू किया स्टार्टअप
उत्तर प्रदेश में आजमगढ़ जिले पैकौली गांव से ताल्लुक रखने वाले नासा के वैज्ञानिक रहे योगेश्वर नाथ मिश्रा की बायोपिक बनने जा रही है।
उत्तर प्रदेश में आजमगढ़ जिले पैकौली गांव से ताल्लुक रखने वाले नासा के वैज्ञानिक रहे योगेश्वर नाथ मिश्रा की बायोपिक बनने जा रही है। योगेश्वर नाथ मिश्रा ने दुनिया की सबसे फास्ट लेजर शीट इमेजिंग टेक्नोलॉजी की खोज की है जिसकी मदद से आग की लपटों में मौजूद नैनोपार्टिकल्स की स्टडी में मदद मिल सकती है। ‘अमर उजाला’ से खास बातचीत के दौरान साइंटिस्ट योगेश्वर नाथ मिश्रा ने अपनी बायोपिक के बारे में विस्तार से चर्चा की। फिल्म का एलान 26 जनवरी को किया जाएगा।
वैज्ञानिक योगेश्वर नाथ मिश्रा ने बताया , 'मेरा बचपन बहुत ही अभाव में गुजारा। मैं ऐसे सामान्य परिवार से हूं जहां नासा का साइंटिस्ट बनने का सपना देखना भी एक सपने जैसे था। जब मुझे मेरे जीवन पर बनने जा रही बायोपिक के बारे में संपर्क किया गया तो मुझे लगा कि अगर मेरे जीवन से किसी को प्रेरणा मिल सकती है तो मेरे जीवन पर बायोपिक जरूर बनती चाहिए। इसीलिए मैने तुरंत अपनी सहमति दे दी।'
योगेश्वर नाथ मिश्रा की मेरी प्रारंभिक शिक्षा गांव के अंबेडकर विद्यालय से हुई। दूध बेचकर ट्यूशन की फीस भरने वाले योगेंद्र ने आजमगढ़ के पास सठियांव इंटर कॉलेज से 10वी तक पढाई की और आगे की पढाई करने के लिए दिल्ली आ गए। दिल्ली में अशोक विहार स्थित गवर्नमेंट बॉयज सीनियर सेकेंडरी स्कूल से 12वीं तक पढाई करने के बाद उन्होंने कोचीन विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से स्नातक और आईआईटी खड्गपुर से एमटेक किया। आगे की पढ़ाई के लिए वह विदेश चले गए। अमेरिका में कुछ बरसों तक शोध करने के बाद स्वीडन में उन्होंने अपनी पीएचडी पूरी की है।
योगेश्वर नाथ मिश्रा मिश्रा कहते हैं, 'नवंबर 2019 में नासा गया और वहां रिसर्च शुरू किया, लेकिन फरवरी 2020 में कोविड आ गया और नासा की लैब बंद हो गई। मुझे वर्क फ्रॉम होम करना था। जहां मैं रहता था वहां से 10 मिनट की दूरी पर कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी है। वहां मुझे रिसर्च करने की अनुमति मिली और वहीं पर मैंने दुनिया की सबसे फास्ट लेजर शीट इमेजिंग टेक्नोलॉजी की खोज की है। इसकी मदद से रॉकेट की लपटों से निकलने वाले नैनोपार्टिकल्स की स्टडी में मदद मिलती है। फास्ट लेजर शीट इमेजिंग टेक्नोलॉजी एक ऐसी तकनीक है, जिसके माध्यम से एक सेकेण्ड में एक करोड़ तस्वीरें ली जा सकती हैं।’
नासा में रिसर्च के साथ साथ योगेश्वर नाथ मिश्रा ने इंदौर में फूरियर एनर्जी सॉल्यूशंस आईटी स्टार्टअप की शुरुआत की है। वह कहते हैं, 'चार साल से नासा के रिसर्च टीम में काम कर रहा हूं। इस दौरान मुझे लगा कि भारत में भी ऐसा कोई संस्थान होना चाहिए जहां पर यहां के युवक कुछ सीख सके। इसलिए मैंने अगस्त 2023 से फूरियर एनर्जी सॉल्यूशंस आईटी की इंदौर में शुरुआत की है।’
साइंटिस्ट योगेश्वर नाथ मिश्रा की बायोपिक का निर्माण करने की योजना ड्रामा टॉकीज के राजीव मिश्रा बना रहे हैं। वह कहते हैं, 'मैंने आईएएस अधिकारी गोविन्द जायसवाल की जिंदगी से प्रेरित फिल्म फिल्म 'अब दिल्ली दूर नहीं' में अभिनय किया था। इस फिल्म से मुझे बहुत प्रेरणा मिली। मुझे भी ऐसी कहानियों की तलाश थी जिसने अपनी जिंदगी में कुछ हासिल किया हो और ऐसी कहानियों से लोगों को प्रेरणा मिल सके। मैं खुद आजमगढ़ का रहने वाला हूं। मैंने योगेश्वर नाथ मिश्रा का संघर्ष और साइंटिस्ट बनने के सफर को बहुत ही करीब से देखा है। मुझे लगता है कि यह कहानी लोगों के बीच आनी चाहिए, ताकि लोगों को कुछ प्रेरणा मिल सके।'
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